Livestock rearing is principal source of income for 3.7% of the agricultural households: Economic Survey 2018-19

Livestock population in India rises 4.6 per cent to nearly 536 million, shows census

The livestock population in India has increased by 4.6%, from 512 million in 2012 to nearly 536 million in 2019.

Breaking News Breaking News

14 December / 11:19 PM

Livestock Fodder

silage-making-kutti-machine

साइलेज के संरक्षण का तरीका


साइलेज बनाना :

जब हरा चारा जिसमे नमी की मात्रा 65-70 प्रतिशत होती है उसे संरक्षित करते हैं उसे साइलेज कहते हैं। साइलेज बनाने के लिए शर्करा से समृद्ध चारे की फसल को काटकर वायु रहित अवस्था में 45-50 दिनों तक भंडारित किया जाता है। ऐसा करने से भंडारित चारे में मौजूद शर्करा लैक्टिक अम्ल में बदल जाती है। लैक्टिक अम्ल क्षारक सुरक्षित रहता है तथा पशु के प्रथम आमाशय (रुमेन) में मौजूद जीवाणुओं के लिए सरलता से उपलब्ध किण्वन योग्य शर्करा के अच्छे श्रोत्र का कार्य करता है। अगर सही तरीके से साइलेज को रखा जाए तो साइलेज 2 वर्षों तक भंडारित किया जा सकता है। साइलेज बनाते वक्त वायु रहित अवस्था बनानी जरूरी होती है यदि वायु रहित अवस्था नहीं बन पाती है तो साइलेज में ब्यूटिरिक अम्ल आ जाता है जो कि साइलेज को बेस्वाद कर देता है।

साइलेज बनाने के लिए उपयुक्त फसलें:

साइलेज बनाने के लिए कार्बोहाइड्रेट से भरपूर फसलें होनी चाहिए जैसे मक्का, जवार, बाजरा तथा संकर नेपियर घास। यदि हम साइलेज की गुणवत्ता को और बढ़ाना चाहते हैं तो हम साइलेज में गुड़, यूरिया, नमक आदि का भी प्रयोग कर सकते हैं।

साइलेज बनाने के लिए आवश्यक बुनियादी तत्व :

साइलो – बंकर अथवा गड्ढे नुमा। कृषि उपकरण जैसे ट्रैक्टर, ट्रॉली, चारा काटने की मशीन ( कुट्टी मशीन ) ।

साइलेज बनाने की विधि :

  • एक बंकर या गड्ढे में साइलो का निर्माण करना होगा। एक घन मीटर की जगह में 500-600 किलोग्राम हरे चारे का भंडारण किया जा सकता है।
  • फसल की कटाई 30-35 प्रतिशत शुद्ध पदार्थ की अवस्था आने पर करनी चाहिए।
  • चारे को 2-3 सेंटीमीटर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटना चाहिए।
  • चारा काटने के बाद चारे को साइलो में भर देना चाहिए।
  • साइलो को 30-40 सेंटीमीटर परत बना-बनाकर अच्छी तरह से दबा कर भरें।
  • चारा भरने तथा दबाने की प्रक्रिया को जल्दी करना चाहिए।
  • चारा भरने तथा अच्छी तरह से दबाने के बाद साइलो को मोटी पॉलिथीन की चादर से पूर्ण रूप से सील कर देना चाहिए।
  • पॉलीथिन की चादर को मिट्टी से या रेत से ढंक दें ताकि वायु इसमें प्रवेश ना करें।
  • 40-50 दिन के बाद आप साइलेज को पशुओं के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • साइलेज खिलाने की विधि :

  • साइलो को 45 दिन के बाद खोल सकते हैं तथा आवश्यकता अनुसार साइलेज लेने के बाद साइलो को ठीक ढंग से बंद कर देना चाहिए।
  • साइलेज हरे चारे का विकल्प है तो इसको हरे चारे की तरह पशुओं को खिलाया जा सकता है।
  • अच्छे साइलेज की विशेषताएं :

  • अच्छा साइलेज हल्के पीले या भूरे हरे रंग का होना चाहिए।
  • ब्यूटिरिक अम्ल और अमोनिया की गंध से मुक्त होना चाहिए।
  • नमी की मात्रा 65-70 होनी चाहिए।
  • लैक्टिक अम्ल की मात्रा 3-14 प्रतिशत होनी चाहिए।
  • ब्यूटिरिक अम्ल 0.2 प्रतिशत से कम होनी चाहिए।
  • साइलेज की पीएच 4.0-4.2 हो।
  • गुणवत्ता युक्त उत्पादन के लिए आवश्यक तत्व :

  • साइलो का ढांचा- बंकर फाइलों में चारे को भरने तथा दबाने की प्रक्रिया आसानी से कर सकते हैं।
  • चारे में शुष्क पदार्थ 30-35 प्रतिशत होना चाहिए।
  • चारे की लंबाई 2-3 सेंटीमीटर होने से चारे को भरने तथा दबाने में आसानी होती है।
  • चारे की दबाव प्रक्रिया जितनी जल्दी हो सके कर देनी चाहिए ताकि फाइलों में हवा और पानी में जा सके।
  • साइलेज बनाने के लाभ:

  • दूध देने वाले पशुओं को चारे की आपूर्ति बनाए रखना।
  • पशुओं को विभिन्न मौसमों मौसमों में सम्मान गुणवत्ता चारे को उपलब्ध कराना।
  • साइलेज सभी मौसम में बनाया जा सकता है इसलिए पूरे साल इसकी उपलब्धता रहती है।
  • ज्यादा चारे के उत्पादन पर चारे को खराब होने से बचाने के लिए चारे को हम साइलेज के रूप में बदल सकते हैं।
  • साइलेज बनाते समय बहुत से परजीवी भी नष्ट हो जाते हैं।
  • चारे की कमी के समय साइलेज से पशु के उत्पादन को बरकरार रखता है।
  • Autor: Indiaclickfind.com

    Tags


    Recent Posts

    साइलेज

    12 December 2019 / 10:52 AM

    हरे चारे को हवा की अनुपस्थिति में गड्ढे के अन्दर रसदार परिरक्षित अवस्था में रखनें से चारे में लैक्टिक अम्ल बनता है जो हरे चारे का पीएच कम कर देता है तथा हरे चारे को सुरक्षित रखता है। इस सुरक्षित हरे चारे को साईलेज (Silage) कहते हैं.

    Read more

    Make Nutritious Silage From Green Fodder

    15 December 2019. 02:41 PM IST

    Silage and hay are preserved or stored feed given to the cattle during a shortage of green forage. Silage is very nutritious and easy to digest feed for the cattle. Storing the silage is much easier than storing the hay as it requires less space.

    Read more